देश के किसान दलाली नहीं करते लोगों का मुंह का निवाला देते हैं?
आरा :- देश का अन्न भंडार भरने व हरित क्रांति लाने वाले अन्नदाता आज अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर सोने पर मजबूर है। वहीं केंद्र सरकार के नेताओं ने इन किसानों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और यही नहीं किसानों को दलाल भी कह दिया है, जिस पर अब आंदोलन विपक्षी पार्टियों ने तेज कर दिया है।
गमले में गोभी उगाकर करोड़पति नहीं बनते किसान?
बताते चलें कि जब-जब चुनाव आता हैं तो किसान को अन्नदाता और भूमिपुत्र कहकर बड़े बड़े दावे किए जाते हैं! लेकिन देश के राजनेता किसानों की दशा के बारे प्रारंभिक जानकारी भी नहीं रखते। इसका प्रमाण इससे भी मिल जाता है कि हमारे राजनेता कभी आलू से सोना बनाने की मशीन लगाने की बात करते हैं तो कोई नेता गमलों में गोभी उगाकर करोड़पति बन जाता है।
कड़ाके की ठंड में आखिर क्यों सड़कों पर किसान?
वही भोजपुर जिले के जगदीशपुर पूर्व विधायक भाई दिनेश ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन काले किसान विरोधी कृषि कानूनों के समर्थन में भाजपा सरकार द्वारा चलाए जा रहे जन जागरण अभियान ,किसान चौपाल , किसान सम्मेलनों पर पलटवार करते हुए कहा कि जब एक तरफ़ पूरे देश का किसान सड़कों पर आकर इन काले कानूनों का खुलकर विरोध कर रहा है! देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर करीब 1 महीनों सड़कों पर कड़ाके की ठंड में बैठकर आंदोलन कर रहे है! किसानो के समर्थन में खड़े होने की बजाय बेहद शर्मनाक है कि खुद को सच्चा किसान हितेषी बताने वाली केंद्र सरकार इन काले कानूनों के समर्थन में जन जागरण अभियान , किसान चौपाल व किसान सम्मेलन आयोजित
रही है?
क्या केंद्र सरकार जमाखोरी-मुनाफाखोरी को बढ़ावा देना चाहती है ?-
-आखिर भाजपा को किसानों को मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी से इतनी परेशानी क्यों , दिक्कत क्यों ?-आख़िर एमएससी ख़त्म करने वाले इन क़ानूनों का केंद्र सरकार समर्थन क्यों कर रही है ?
-आख़िर क्यों वह एमएसपी को खत्म करना चाहती है ?-आख़िर क्यों वह वर्तमान मंडी व्यवस्था को खत्म करना चाहती है ?-क्यों वह जमाखोरी-मुनाफाखोरी को बढ़ावा देना चाहती है ?-क्यों वह किसानों को बर्बाद करना चाहती है ?-क्यों वह किसानों को बड़े-बड़े औद्योगिक घरानों का ग़ुलाम व शिकार बनाना चाहती है ?-क्यों वह किसान व खेती को बर्बाद करना चाहती है ?
केंद्र सरकार किसानों का आय दोगुना करने वाली मौत का औजार क्यों बन रही है?
वहीं पूर्व विधायक ने बताया कि किसानों की आय दोगुनी करने का वादा करने वाले आज किसान को पूरी तरह से बर्बाद करने पर तुले हुए है और बड़ी शर्म की बात है कि किसान विरोधी इन तीन काले कानूनों का विरोध करने की बजाय भाजपा इसका खुलकर समर्थन कर रही है ?
पूर्व की सरकार द्वारा शुरू की गयी किसान क़र्ज़ माफ़ी योजना को इन्होंने पाप बताकर रोक दिया है , ये पूरी तरह से किसान विरोधी है।
तमाम ज़िम्मेदार भाजपा नेता रोज़ बयानबाजियाँ कर किसानो व किसान संगठनों को कभी दलाल ,देशद्रोही ,सांप ,बिच्छू ,नेवला ,कुकुरमुत्ता की खुलेआम संज्ञा दे रहे है और ज़िम्मेदार मौन है ? किसानों के आंदोलनों को कभी वामपंथियों का , कभी नक्सलवादियों का , कभी पाकिस्तानियों का , कभी चीनियों का , कभी ख़ालिस्तानियो का आंदोलन बताने पर तुले हुए है ?-आखिर किसानो के इस शांतिपूर्ण आंदोलन को भाजपा सरकार किसानों का आंदोलन क्यों नहीं मान रही है ?-क्यों हठधर्मिता अपना रही है , अड़ियल रवैया छोड़कर क्यों इन काले कानूनों को रद्द नहीं कर रही है ?-सड़कों पर उतरकर अपना हक मांग रहे किसानों की जायज मांगों पर निर्णय क्यों नहीं ले रही है ?
१आखिर भाजपा देश को किस दिशा में ले जा रही है ?-तानाशाही , हिटलर शाही तरीक़े से लागू इन काले कानूनों को किसानोपर क्यों ज़बर्दस्ती थोपना चाह रही है ?-देश का अन्नदाता आज अपने हक की मांग को लेकर कड़ाके की ठंड में सड़कों पर है , न्याय की गुहार लगा रहा है लेकिन सरकार गूंगी-बहरी बनकर उसका दमन करने पर आख़िर क्यों उतारू है ?
देश का अन्नदाता व आमजन यह सब खुली आँखों से देख रहा है।
35 किसान शहीदो पर ट्वीट क्यों नहीं करते देश के प्रधानमंत्री?
वही पूर्व विधायक भाई दिनेश ने कहा कि अभी तक हमारे देश के किसान जो है 35 आंदोलन में शहीद हो गए हैं इसपर ना तो देश के प्रधानमंत्री कुछ कह पाते हैं ना इनके नेता, वहीं उन्होंने कहा कि अगर देश में कुछ भी घटना घटती है तो हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हैं पर किसानों के शहीद होने पर उन्होंने एक ट्वीट तो नहीं किया यह निंदनीय है! इससे पता चलता है कि जो केंद्र की सरकार है किसान विरोधी सरकार है!
रिपोर्ट :- तारकेश्वर प्रसाद आरा