भूमि पूजन समारोह के लिए मानवाधिकारों के संसदीय सचिव लाल चंद्र माल्ही पहुंचे जहां उन्होंने धर्मिक स्थल की नींव रखी।हिंदू पंचायत ने मंदिर का नाम श्री कृष्ण मंदिर रखा है। इस मंदिर के लिए वर्ष 2017 में जमीन दी गई थी। मंदिर परिसर 20 हजार वर्ग फुट में फैला होगा, इसमें एक श्मशान घाट और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग स्थल बनाए जाएंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक़ इस्लामाबाद में मंदिर नहीं है, वहाँ के लोगों को इबादत के लिए शहर से बाहर जाना पड़ता है, मंदिर निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण कारण यही है। मंदिर के साथ-साथ उन्हें श्मशान के लिए भी भूमि दी जाएगी। मंदिर बनाने के विषय में आयोजित हुए समारोह में मल्ही ने संपूर्ण सभा को संबोधित करते हुए सबको बताया कि इस्लामाबाद और उसके आस पास के इलाकों में आज़ादी से पहले अनेकों मंदिर हुआ करते थे लेकिन जिन्हें आज़ादी के बाद तबाह कर दिया गया। मंदिर बनाने का यह कार्य धार्मिक दूरियों को भूलकर समस्त पाकिस्तान में एक जुटता लाने का सफल प्रयास सिद्ध हो सकता है।