बिहार में कोरोना जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी को लेकर मीडिया रिपोर्ट के बाद बिहार की राजनीति बिल्कुल गरमा गई है। इसी कड़ी में प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर एक बार फिर से हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आनन फानन में जमुई के सिविल सर्जन समेत चार कर्मियों के सस्पेंड और छह कर्मियों की बर्खास्ती को महज दिखा बताया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर बिहार की सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है।
तेजस्वी यादव ने ट्वीट में लिखा कि अरबों का कोरोना घोटाला सामने आने के बाद नीतीश जी दिखावटी तौर पर जैसा कि पूर्व के 61 घोटालों में करते आए हैं छोटे स्तर के कर्मचारियों को बर्खास्त करने का नाटक रच, धन उगाही कर JDU को चुनावी चंदा देने वाले उच्च अधिकारियों को बचायेंगे। यही नीतीश कुमार की स्थापित नीति, नीयत और नियम है।
बिहार में टेस्टिंग की संख्या 4 महीनों तक देश में सबसे कम रही।विपक्ष और जनदबाव में नीतीश जी ने विपदा के बीच ही आँकड़ों की बाज़ीगरी नहीं करने वाले 3 स्वास्थ्य सचिवों को हटा दिया। फिर उन्होंने अपने जाँचे-परखे आँकड़ों की बाज़ीगिरी करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों को नियुक्त किया।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 12, 2021
इससे पहले तेजस्वी ने लगातार दो ट्वीट करते हुए कहा कि था कि बिहार में टेस्टिंग की संख्या 4 महीनों तक देश में सबसे कम रही। विपक्ष और जनदबाव में नीतीश जी ने विपदा के बीच ही आँकड़ों की बाज़ीगरी नहीं करने वाले 3 स्वास्थ्य सचिवों को हटा दिया। फिर उन्होंने अपने जाँचे-परखे आँकड़ों की बाज़ीगिरी करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों को नियुक्त किया। उसके बाद अगले 3 दिनों में ही टेस्टिंग की संख्या दुगनी हो गई और लगभग 15 दिनों में यह संख्या एक लाख और 25 दिनों में दो लाख तक पहुँच गई। उसी स्वास्थ्य संरचना से मात्र एक महीने से भी कम समय में यह प्रतिदिन जाँच का आँकड़ा इतना गुणा कैसे बढ़ गया? सारा माजरा आँकड़ों के अमृत मंथन का है।