मां को कई नामों से बुलाया जाता है लेकिन सभी नामों का भाव और अर्थ एक ही होता है जिसने मुझे जन्म दिया है। मां एक शब्द भर नहीं है, बल्कि मां एक ऐसा शब्द है जो सिमटे तो दिल में समा जाए और फैले तो अनंत ब्रह्मांड भी छोटा पड़ जाता है। आज 10 मई है यानी मदर्स डे (मातृ दिवस)। इस दिन को ख़ास बनाने के लिए CYRUNS नामक संस्था की तरफ़ से मां के नाम समर्पित दौर का आयोजन किया गया। कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू किए गए लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए इस दौर (maa run) को virtual और इनडोर रखा गया। यानी आप अपने घरों में ही दौर लगाएंगे, ट्रेडमील पर या फिर इंडोर वॉक करते हुए स्मार्टवाच पर दूरी का ध्यान रखेंगे और तय की गई दूरी का स्क्रीनशॉट साझा करेंगे।
वर्ष 2019 की मिसेज इंडिया ने भी ट्रेडमील पर लगाई दौर:
इस वर्चुअल इंडोर वॉक में राजधानी पटना की रहने वाली सुचिता सिंह ने भी हिस्सा लिया और ट्रेडमिल पर 2 km की दौर 17 मिनट 51 सेकेंड में पूरी की। सुचिता बताती हैं कि इस दौर में शामिल होने के लिए उन्होंने पहले से ही रजिस्ट्रेशन करवा रखा था और हिस्सा लेने के लिए काफी उत्सुक थीं। देश भर से हजारों की संख्या में लोगों ने इस वर्चुअल इंडोर वॉक में हिस्सा लिया है, इस दौर का दूसरा फायदा वह बताती हैं कि लॉकडाउन के कारण लोग घरों में हैं, काम बंद हो जाने के कारण लोग अवसादग्रस्त हो रहे हैं। ऐसे समय में इस तरह की आयोजन से लोगों में एक नवचेतना भी आएगी।

जीवन के 47 वसंत देख चुकीं सुचिता मूल रूप से राजधानी पटना में ही रहती हैं और ज़ूम्बा ट्रेनर हैं। मॉडलिंग का शौक भी उन्हें काफी पहले से था लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण पूरा नहीं हो सका। लेकिन सुचिता ने अपने अंदर की इस इक्षा को मरने नहीं दिया था। उनका ये सपना उम्र के 45वें पड़ाव पर पूरा हुआ जब वे वर्ष 2019 की मिसेज इंडिया चुनीं गईं। फिर उन्हें बेस्ट फोटोजेनिक फेस का भी अवार्ड मिला। सुचिता Milestone pageant 2020 की फाइनलिस्ट भी हैं जिसका आयोजन जून 2020 में नेपाल की राजधानी काठमांडू में होना था लेकिन कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण प्रतियोगिता की तारीख स्थगित कर दी गई है।
उम्र के हर पड़ाव में फिट रहना चाहती हैं:
सुचिता बताती हैं कि अभिनेत्री रेखा उनकी रोलमॉडल रही हैं। माधुरी की डांस उन्हें पसंद हैं। रेखा जी की ही तरह वह उम्र के हर पड़ाव में फिट रहना चाहती हैं औऱ इसके लिए वह अपनी फिटनेस और डाइट का पूरा ख्याल रखती हैं। उनका मानना है कि हर इंसान जिंदगी के खेल का खिलाड़ी है। जिस तरह किसी खिलाड़ी के अच्छे प्रदर्शन के लिए उसका फिटनेस जरूरी है। उसी तरह जिंदगी को अच्छे ढंग से जीने के लिए फिटनेस इंसान के लिए जरूरी है।