कॉमेडियन जॉनी वॉकर एक ऐसा नाम है जिनके पर्दे पर आते ही दर्शकों की हंसी छूट जाती थी। एक बेहद ग़रीब परिवार से थे. ग़रीबी और भुखमरी के चलते उन्होंने अलग अलग व्यवसायों में अपने हाथ आज़माए।
जॉनी वॉकर ने बतौर बस कंडक्टर काम किया और यहीं से शुरुआत हुई उनके फ़िल्मी करियर की, जब वह बतौर बस कंडक्टर कार्यरत थे तब उनकी मुलाक़ात स्क्रिप्ट लेखक बलराज साहनी से हुई। उन्होंने जॉनी वॉकर को फ़िल्म निर्माता गुरु दत्त से मिलने की सलाह दी कहा कि “उन्हें तुम्हारे जैसे ही अभिनेता की ज़रूरत है”। जब गुरू दत्त से मिले तब गुरु दत्त ने उन्हें एक शराबी का अभिनय करने को कहा जॉनी वॉकर ने वह किरदार बख़ूबी निभाया जिसके चलते गुरुदत्त बहुत ख़ुश हुए और अपनी बेहद पसंदीदा शराब के नाम पर बदरुद्दीन जमालुद्दीन काज़ी का नामबदलकर जॉनी वॉकर रख दिया।
जॉनी वॉकर ने लगभग 40 व
उनके जीवन की सबसे दिलचसप पहलु यह है की आजीवन उन्होंने शराब को कभी भी हाथ नहीं लगाया ।