कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के सलाहकार माने जाने वाले अहमद पटेल से संदेसरा घोटाले मामले में पूछताछ की गई है। यह पूछताछ ईडी द्वारा दिल्ली में स्थित अहमद पटेल के आवास पर की गई, जानकारी के अनुसार इससे पहले भी दो बार समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन अहमद पटेल ने अपनी उम्र और कोरोना महामारी के कारण घर से न निकलने का बात कर रहे थे, अहमद पटेल राज्यसभा सांसद हैं। इस पर प्रवर्तन निदेशालय के 3 अधिकारी ने उनके घर पहुंच कर कार्रवाई की, संदेसरा घोटाले से जुड़ी चर्चा सबसे पहले साल 2017 में सामने आई थी, तब सीबीआई ने गुजरात के एक फार्मा कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड (एसबीएल) के मुख्य प्रमोटरों के खिलाफ बैंकों से धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया था, इसमें नितिन चंदेसरा, चेतन चंदेसरा और तीसरा दीप्ति चंदेसरा शामिल थे, इन तीनों पर आरोप लगाया गया था कि इन्होंने आंध्र बैंक, इलाहाबाद बैंक, यूको बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) की अगुआई वाले बैंकों से करीब 14,500 करोड़ रुपए का लोन लिया था तथा उसे जानबूझ कर वापस नहीं लौटाया।
इस तरह से देखा जाए तो यह घोटाला नीरव मोदी द्वारा किए गए 11,400 करोड रुपए पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से भी 3000 करोड़ ज्यादा का था। पकड़े जाने के डर से नितिन चंदेसरा, चेतन चंदेसरा और तीसरा दीप्ति चंदेसरा देश छोड़कर भाग गए। सरकार इन्हें भगोड़ा घोषित कर चुकी है। बाद में ईडी ने अपनी जांच में पाया कि स्टर्लिंग बायोटेक ने बैंकों से कर्ज लेने के लिए कंपनियों की बैलेंसशीट के आंकड़ों में हेराफेरी की थी तथा कर्ज लेने के बाद उस पैसे को अलग कार्यों में लगा दिया गया, जिसके लिए लोन लिया ही नहीं गया था। सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की गई थी, जिसमें गवाहों ने अहमद पटेल, उनके बेटे फैसल पटेल और उनके दमाद इरफान सिद्दीकी का नाम बताया था। पिछले साल फैसल पटेल से पूछताछ की गई थी। 27 जून, 2020 को संदेसरा (एसबीएल) ग्रुप की 9,778 करोड़ रुपए की संपत्ति जप्त कर ली गई है।