छत्तीसगढ़ की ज्योति. 30 बरस की हैं. साल 2010 में उन्होंने CISF के एक जवान की ज़िंदगी बचाई थी, इस दौरान उन्होंने अपना दायां हाथ गवां दिया था. अब यही ज्योति केरल में स्थानीय निकाय का चुनाव लड़ने जा रही हैं. BJP ने उन्हें टिकट दिया है.
क्या है ज्योति की कहानी?
समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, 3 जनवरी 2010 की बात है. ज्योति जो छत्तीसगढ़ में रहती थीं, नर्सिंग में BSc कर रही थीं. इस दिन अपने कॉलेज हॉस्टल से बस से कहीं जा रही थीं. उनके सामने वाली सीट पर CISF जवान विकास बैठे थे, जो अपने भाई से मुलाकात करके दंतेवाड़ा ज़िले में अपने कैंप में वापस लौट रहे थे. विकास की नींद लग गई थी और उन्होंने अपना सिर बस की खिड़की पर टिका रखा था. ज्योति ने PTI को बताया कि उन्होंने नोटिस किया कि एक अनियंत्रित ट्रक तेज़ रफ्तार से बस के उस हिस्से की तरफ आ रहा था, जहां विकास बैठे थे. खतरा महसूस होते ही ज्योति, जो पीछे की सीट पर बैठी थीं आगे बढ़ीं और विकास को खिड़की से दूर भेजा. हालांकि इसी घटना में ज्योति ने अपना सीधा हाथ खो दिया.
ज्योति कहती हैं कि ये घटना उनकी ज़िंदगी का टर्निंग पॉइंट बनी. उन्हें विकास के तौर पर सच्चा प्यार मिला. इधर ज्योति के पैरेंट्स उनसे खफा हो गए. छत्तीसगढ़ में ज्योति को न केवल माता-पिता के गुस्से का सामना करना पड़ा, बल्कि कथित तौर पर उन्हें BSc का कोर्स भी बीच में ही छोड़ना पड़ गया. ज्योति और विकास ने शादी कर ली.
अब ज्योति केरल में ही रहती हैं. BJP ने उन्हें पलक्कड़ ज़िले के कोल्लान्गोड ब्लॉक पंचायत के तहत आने वाले पलाथुली डिविज़न से उम्मीदवार बनाया है. 10 दिसंबर को चुनाव होने वाले हैं. BJP का कहना है कि ज्योति की कहानी बहुत प्रेरणादायक है. पलक्कड़ ज़िले के BJP प्रेसिडें कृष्णा दास ने कहा,
“एक हादसे में एक जवान की ज़िंदगी बचाते वक्त उन्होंने अपना सीधा हाथ खो दिया. अब वो केरल की बेटी बन गई हैं.”
वहीं ज्योति का कहना है कि उन्हें वोटर्स से अच्छा प्यार मिल रहा है. उन्होंने कहा,
“वो मेरे लिए अपना प्यार दिखा रहे हैं. मेरे लिए वोट करेंगे या नहीं, वो अलग बात है.”
ज्योति का कहना है कि वो खुद भी पीएम नरेंद्र मोदी की पॉलिटिक्स से आकर्षित हैं और जब उन्हें पार्टी ने उम्मीदवारी ऑफर की, तो उन्होंने हामी भर दी. उनके पति और ससुराल वाले उन्हें पूरा सपोर्ट कर रहे हैं.
Source- The Lallantop